
Das Dada was more than just a photographer; he was the silent observer who captured the essence of countless moments on the show. His work immortalized the laughter, camaraderie, and spontaneity that defined The Kapil Sharma Show. Often seen behind the scenes, his presence was a testament to the dedication and passion he brought to his craft.
द कपिल शर्मा शो की रंगीन दुनिया में जब दर्शक हँसी-ठिठोली में खोए रहते थे, तब एक शख्स पर्दे के पीछे खड़ा होकर उन पलों को हमेशा के लिए क़ैद कर रहा था — वो थे दास दादा, असली नाम कृष्णा दास।
मौन रहकर भी सबसे करीब
दास दादा मंच पर नहीं होते थे, लेकिन हर फ्रेम में उनकी मौजूदगी होती थी। वह शो के ऐसे अनदेखे नायक थे, जो हर कलाकार की असली मुस्कान, हर मज़ेदार पल, और हर भावनात्मक क्षण को अपने कैमरे में इस तरह संजोते कि वे तस्वीरें बोल उठतीं।
कभी न रुकने वाला ‘क्लिक’
शो की शुरुआत से ही दास दादा उससे जुड़े रहे। कैमरा उनके हाथ में था, लेकिन नजरें दिल से देखती थीं। उनके लिए ये सिर्फ नौकरी नहीं थी, बल्कि एक जुनून था — हँसी को अमर बनाना। सेट पर उनका सादगी भरा अंदाज़ और हर किसी को अपनेपन से देखना उन्हें सभी का प्रिय बनाता था।
किकु शारदा की श्रद्धांजलि
कॉमेडियन किकु शारदा ने उनके जाने पर एक मार्मिक पोस्ट साझा की: “We will miss you, Das Dada.” ये सिर्फ एक वाक्य नहीं था, बल्कि उस शून्य की अभिव्यक्ति थी जो दास दादा के जाने से शो के परिवार में पैदा हो गया है।
सम्मान जो उनके नाम रहा
2018 में उन्हें दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाज़ा गया — यह इस बात का प्रतीक है कि उनके कैमरे की नज़रों ने सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि कला की गहराई को छू लिया था।
एक रोशनी, जो अब यादों में जिंदा है
आज जब हम द कपिल शर्मा शो के पीछे के दृश्यों को सोचते हैं, तो कैमरे के पीछे खड़ी वो शख्सियत याद आती है जिसकी खामोशी में एक पूरी कहानी थी। दास दादा अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी तस्वीरों में, उनकी मुस्कान में, और हर उस पल में जो उन्होंने क़ैद किया — वो हमेशा ज़िंदा रहेंगे।
श्रद्धांजलि उन आंखों को, जो सबसे हँसते चेहरों को सबसे पहले देखती थीं।
दास दादा, आप कैमरे के पीछे थे, पर दिलों के हमेशा आगे।
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