कामदा एकादशी 2024: तिथियां, महत्व, व्रत विधि, मुहूर्त और पारण का समय

कामदा एकादशी 2024: तिथियां, महत्व, व्रत विधि, मुहूर्त और पारण का समय

कामदा एकादशी हिंदू धर्म के सबसे पवित्र व्रतों में से एक है। यह वर्ष में दो बार आती है, एक बार कृष्ण पक्ष में और एक बार शुक्ल पक्ष में। 2024 में, कामदा एकादशी 18 अप्रैल को शुक्ल पक्ष में आ रही है।

कामदा एकादशी का महत्व:

  • इच्छा पूर्ति: ‘कामदा’ शब्द का अर्थ है “इच्छा पूर्ति करने वाला”। ऐसा माना जाता है कि कामदा एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
  • पापों का नाश: कामदा एकादशी का व्रत सभी पापों का नाश करने वाला माना जाता है।
  • मोक्ष प्राप्ति: जो भक्त जीवन भर कामदा एकादशी का व्रत रखते हैं, उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है।
  • अन्नपूर्णा माता की कृपा: कामदा एकादशी के दिन माता अन्नपूर्णा की पूजा करने से अन्न और धन की कमी नहीं होती है।

कामदा एकादशी व्रत विधि:

  • दशमी तिथि को: दशमी तिथि के दिन स्नान करके शाम को हल्का भोजन करें।
  • एकादशी तिथि को: एकादशी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और फिर घर के मंदिर या पूजा स्थान को साफ करें।
  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें: भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें और उनका गंगाजल, फूल, माला, धूप, दीप आदि से पूजन करें।
  • व्रत का संकल्प लें: भगवान विष्णु के सामने व्रत का संकल्प लें।
  • दिनभर उपवास: पूरे दिन अन्न, जल और नमक का सेवन न करें।
  • भगवान के नाम का जप: दिनभर भगवान विष्णु के नाम का जप करें और भगवान का ध्यान करें।
  • शाम को आरती: शाम को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।
  • द्वादशी तिथि को: द्वादशी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और फिर भगवान विष्णु की पूजा करें।
  • पारण: द्वादशी तिथि के दिन दुपहर के बाद ही व्रत का पारण करें। पारण में पहले फल, फिर खीर और उसके बाद ही भोजन ग्रहण करें।

कामदा एकादशी 2024 मुहूर्त:

  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 18 अप्रैल 2024, दोपहर 2:37 बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त: 19 अप्रैल 2024, दोपहर 1:12 बजे
  • पारण का समय: 19 अप्रैल 2024, सुबह 8:16 बजे से 9:33 बजे तक

कामदा एकादशी की पूजा विधि

  1. व्रत वाले दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
  2. पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें और फिर मंडप बनाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें.
  3. भगवान विष्णु को तुलसी दल, फल, फूल और मिठाई का भोग लगाएं.
  4. दीप प्रज्वलित करें और धूप-अगरबत्ती जलाएं.
  5. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जाप करें.
  6. पूरे विधि-विधान से भगवान विष्णु की आरती करें.
  7. कथा का पाठ करें (कामदा एकादशी की कथा आप किसी धर्म ग्रंथ या ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं).
  8. द्वारा पूजा करें और व्रत का संकल्प लें.
  9. अगले दिन पारण के निर्धारित समय में व्रत खोलें.
  10. जरूरी हो तो ब्राह्मण को भोजन कराएं और दान दें.

कामदा एकादशी 2024 कथा:

कामदा एकादशी की कथा भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी से जुड़ी है। एक बार, भगवान विष्णु देवी लक्ष्मी के साथ कैलाश पर्वत पर गए थे। वहां, उन्होंने भगवान शिव और पार्वती की पूजा की। भगवान शिव ने भगवान विष्णु को बताया कि यदि कोई व्यक्ति कामदा एकादशी का व्रत रखता है, तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

यह सुनकर, भगवान विष्णु ने देवी लक्ष्मी को पृथ्वी पर जाकर लोगों को कामदा एकादशी के व्रत के बारे में बताने के लिए कहा। देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर आईं और उन्होंने लोगों को कामदा एकादशी के

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